उन्मुक्त उड़ान मंच आपका अपना मंच इस सप्ताह अनोखे कार्यक्रमों की सौगात लेकर आया। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह, शिक्षक दिवस, हम साथ साथ हैं, श्रद्धा और आस्था और विश्व पत्र लेखन दिवस पर छंदमुक्त कविता, गीत, आलेख, और संस्मरण विधा में उत्तम, मनोरम रचनाएँ पढ़ने को मिलीं। राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के उपलक्ष्य में थाली में रंग बिरंगा स्वास्थ्य: सन्तुलित थाली-सशक्त काया विषय पर साप्ताहिक लेखन आयोजन में रचनाकारों ने खान पान और उनकी पोषकता पर जहां विचार रखे, वहीं विभिन्न रंगों वाले खाद्य पदार्थों का शरीर, मन और दिमाग पर होने वाले प्रभावों की जानकारी प्रेषित करी| संतोषी किमोठी वशिष्ठ सहजा के विषय प्रवर्तन में 18 रचनाकारों की सहभागिता रही। प्रवर्तन में संतुलित भोजन और संतुलित विचारों का सुंदर तालमेल दिखाया गया| जिस प्रकार एक सन्तुलित थाली हमारे शरीर की कमी को पूरा करती है उसी प्रकार हमारे विचार और व्यवहार भी सशक्त हो जाते हैं। प्रायः यह कहा जाता है "जैसे बोओगे वैसा काटोगे" याने कि हम अपना खान पान रहन सहन और अच्छी सोच रखेंगे तो समाजिक जटिलताओं को कम कर सकते हैं। ताज़ा और संतुलित भोजन लेने से हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं। अरुण ठाकर जिंदगी, नीरजा शर्मा अवनि, रंजना बिनानी काव्या, डॉ अनीता राजपाल अनु वसुंधरा, निशा कौल शर्मा, प्रजापति श्योनाथ सिंह शिव, सुरेश सरदाना, अनिल जैन, प्रवीना सिंह राणा, सुरेश चंद्र जोशी सहयोगी, दिव्या भट्ट स्वयं, स्वर्णलता सोन कोकिला, सुनीता तिवारी, सुरेन्द्र बिंदल, अशोक दोशी दिवाकर, संजीव कुमार भटनागर सजग, उदय सिंह कुशवाहा, रामेश्वर प्रसाद बिल्हेरिया ने अपनी अनूठी कलम से मंच पर विषय की सार्थकता और महत्ता पर प्रकाश डाला| संगीता चमोली इन्दुजा के निरूपण में 36 रचनाकारों ने हम साथ साथ हैं विषय में सहभागिता करी| सुरेश चंद्र जोशी सहयोगी के प्रवर्तन में 17 रचनाकारों ने अपने छंदमुक्त गीत भेजे वहीं 10 रचनाकारों ने उनमें अपने भाव भर वीडियो प्रेषित करे| शिक्षक दिवस का आयोजन अनूठा उत्साह लेकर आया जहां मंच की अध्यक्षा और संस्थापिका के द्वारा निरूपित कार्यक्रम शिक्षक राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी पर 50 सृजनकारों ने चार पंक्तियों में भावों का सागर भरा, वहीं शिक्षक दिवस पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति और समर्पित शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धा सुमन अर्पित करे और अपने संस्मरण से पुरानी यादों को ताजा करा|
उन्मुक्त उड़ान मंच द्वारा आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम का संयोजन एवं सौंदर्यपूर्ण, सृजनात्मक डिज़ाइन नीरजा शर्मा ‘अवनि’ और नीतू रवि गर्ग ‘कमलिनी’ ने किया। कार्यक्रमों की निरंतर समीक्षा अशोक दोशी ‘दिवाकर’ तथा सुरेश चंद्र जोशी ‘सहयोगी’ द्वारा की गई, जबकि कृष्ण कान्त मिश्र ‘कमल’ और संजीव कुमार भटनागर ‘सजग’ ने रचनात्मक समालोचना और चयन का दायित्व निभाकर विज्ञप्ति को विशिष्ट स्वरूप प्रदान किया। इस अवसर पर मंच की संस्थापिका एवं अध्यक्षा डॉ. दवीना अमर ठकराल ‘देविका’ ने कहा –
“उन्मुक्त उड़ान मंच के ये आयोजन उसकी दूरदृष्टि और समर्पित प्रयासों का उज्ज्वल प्रतीक हैं। यहाँ साहित्य और साधना का अद्भुत संगम आत्मिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और सांस्कृतिक मूल्यों की मजबूती को भी स्थापित करता है।”