शांता देवी मंदिर श्रृंगीनारी
उत्तर प्रदेश के बस्ती हरैया तहसील के परशुरामपुर ब्लाक में परसा परशुरामपुर मार्ग पर श्रृंगीनारी शांता देवी का मंदिर स्थित है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालू मां शांता देवी के दर्शन पूजन के लिए आते हैं। नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा बढ़ जाती है। यह मंदिर जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर पहुंचने के लिए जिला मुख्यालय से रोडवेज व टैक्सी से हरैया होते हुए परसा चौराहा फिर यहां से श्रृंगीनारी के लिए साघन उपलब्ध हैं।
इतिहास
श्रृंगी नारी स्थित शांता देवी मंदिर का इतिहास त्रेता युगीन है। मान्यता है कि जिस समय अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ मख धाम में श्रृंगी ऋषि की अगुआई में पुत्र कामेष्ठि यज्ञ करवा रहे थे। उसे समय माता शांता देवी इसी स्थान पर पिता की यज्ञ पूर्ण होने के लिए शक्ति स्वरूपा की पिंडी स्थापित कर उपासना कर रही थी। महाराज श्रृंगी ऋषि के साथ माता शांता देवी का विवाह हुआ था जिससे इस स्थान को श्रृंगीनारी के नाम से जाना जाता है। हर मंगलवार को इस स्थान पर मेले का आयोजन होता है। महिलाएं कढ़ाई प्रसाद चढ़ाती हैं। माता रानी लोगों की मनोकामना कामनापूर्ण करती हैं।
विशेषता
मंदिर सामान्य शैली में बना हुआ है। गर्भगृह में मां दुर्गा मूर्ति व पिडी स्वरूप में स्थापित है। परिसर में ही हनुमानजी का मंदिर बना हुआ है। माता रानी के दरबार में जो भक्त सच्चे मन से आते हैं उनकी मनोकामना माता रानी अवश्य पूर्ण करते हैं।
मां शांता देवी के दर्शन पूजन दर्शन से श्रद्धालुओं के समस्त कष्ट दूर होते हैं वहीं आत्म संतुष्टि भी प्राप्त होती है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालू आते हैं लेकिन नवरात्र में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। - राजू बाबा, पुजारी
नियमित माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाता हूं। माता रानी की कृपा से जीवन की गाड़ी सुखमय चल रही है तथा समस्त परिवार आनंदमय जीवन व्यतीत कर रहा है। - नरेंद्र देव पाठक, श्रद्धालु