पीएम आवास के नाम पर आपरेटर करता था ठगी
गोरखपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना में कंप्यूटर आपरेटर के पद पर कार्य करने वाले अभय ने लोगों से ठगी की। मानबेला में योजना का लाभ दिलाते हुए मकान दिलाने का वादा किया। विश्वास में लेकर पहले उनसे फार्म भरने के नाम पर 10 हजार रुपये लिए। इसके बाद लेखपाल द्वारा जांच के नाम पर 15 15 हजार रुपये लिए। इसके बाद लिस्ट में नाम आने की बात कहते हुए अभय ने पीड़ितों से रुपये लिए।
गोरखपुर, महराजगंज और संतकबीरनगर के सात लोगों की शिकायत पर एसएसपी ने चिलुआताल थाने में केस दर्ज कराया था। जांच करते हुए पुलिस ने बुधवार को पिपराइच रिठिया के अभय को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उसे न्यायालय में पेश करते हुए जेल भेज दिया।
बेलीपार के बेला गांव के गजेंद्र कुमार, अमरजीत, संतकबीरनगर के मेंहदावल के ठाठर गांव की संगीता देवी, रीना देवी, बांसगांव भूसवल की उषा देवी, महराजगंज जिले के नयेगांव की माण्डवी समेत सात लोगों ने एसएसपी से शिकायत की थी। बताया था कि उनकी रिश्तेदारी मानबेला में है। वहां पर उनकी मुलाकात अभय साहनी से हुई। उसने बताया कि मानबेला में बन रहे
प्रधानमंत्री आवास योजना में वह कंप्यूटर आपरेटर के पद पर कार्यरत है। बहुत से लोगों को मानबेला मे आवास दिलवा चुका है। इस समय केवल अनुसूचित वर्ग के लोगों के मकान का फार्म भरा जा रहा है। आप लोग भी भर दें, आवास मिल जाएगा, नहीं मिलने पर रुपये वापस हो जाएंगे।
विश्वास में लेकर उसने फार्म भरने के नाम पर छह मई, 2022 को एक-एक व्यक्ति से 10-10 हजार रुपये लिए। उसके द्वारा स्वलिखित प्रमाण भी साक्ष्य के रूप में उनके पास उपलब्ध है। फार्म भरने के एक माह बाद अभय ने पंद्रह हजार रुपये लेखपाल जांच के नाम पर 15-15 हजार रुपये लिए। कुछ दिन बीतने के बाद जब अभय से आवास के बारे में पूछा गया तो गोलमटोल बातें करने लगा। फिर एक दिन उसने फोन कर कहा कि सभी का नाम आवास आवंटन लिस्ट में आ गया। इसके लिए सभी को 30-30 हजार रुपये और देना पड़ेगा। आवास की कुल लागत में यह रुपये घट जाएंगे।
झांसे में आकर 27 जुलाई, 2023 को सभी ने मिलकर 2.10 लाख रुपये और दे दिए। इसके बाद न उन्हें आवास मिला और न ही रुपये वापस मिल रहे है। आरोप है कि अभय के साथ इस फर्जीवाड़ा में कथित लेखपाल साथी राहुल गौंड व उसका साला रवि साहनी शामिल है।