Ishan River: ईशन नदी के संरक्षण को एनजीटी का नोटिस

अरुण कुमार
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ईशन नदी के संरक्षण को एनजीटी का नोटिस

 आगराः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंगा की सहायक नदी ईशन के संरक्षण से संबंधित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। एनजीटी के चेयरपर्सन प्रकाश श्रीवास्तव व विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल ने आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए मैनपुरी, हाथरस, एटा, कन्नौज, कानपुर देहात के डीएम, प्रमुख सचिव पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन विभाग और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के चेयरमैन को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। 



आगरा में बिचपुरी के रहने वाले अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने सुनवाई में एनजीटी को अवगत कराया कि अलीगढ़ के गजेटियर के अनुसार ईशन नदी का उद्गम हाथरस के सिकंदराराऊ के निकट स्थित झीलों से हुआ है। अतिक्रमण की वजह से रोहतम झील व ईशन नदी का संपर्क टूट गया है। झील पर अतिक्रमण हो गया है। एटा व मैनपुरी में ईशन नदी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में अनेक अवैध निर्माण हो चुके हैं। मैनपुरी में शहर के प्रमुख नाले द्वारा घरों का ब्लैक व ग्रे वाटर नदी में छोड़ा जा रहा है।

एनजीटी से अधिवक्ता नm

एनजीटी से अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने प्रार्थना की कि, ईशन के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का निर्धारण कर उसमें हुए अवैध निर्माण हटाए जाएं। नदी में गिरने वाले सभी नालों को बंद किया जाए। ईशन के संपूर्ण क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र व रोहतम झील का संरक्षण किया जाए।

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