"संगठन की धारा में संस्कार का संगमः बस्ती में तहसील अभ्यास वर्ग सम्पन्न"
बस्ती। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरक्ष प्रांत बस्ती द्वारा बस्ती नगर में दिनांक 29 जून 2025 को सरस्वती विद्या मंदिर, रामबाग में एक दिवसीय तहसील अभ्यास वर्ग का सफल आयोजन किया गया। इस वर्ग का उद्देश्य था -कार्यकर्ताओं को परिषद की सैद्धांतिक पृष्ठभूमि, व्यवहारिक कार्यपद्धति, संगठन विस्तार और समाजोपयोगी आयामों से सशक्त रूप में परिचित कराना।
इस विशेष अभ्यास वर्ग में मुख्य रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नेपाली कार्य के राष्ट्रीय संयोजक प्रियांशु त्रिपाठी , विभाग प्रमुख डॉ विजय शुक्ला , जिला संगठन मंत्री अंकित , जिला संयोजक विकास ने दीप प्रज्वलन कर तहसील अभ्यास वर्ग का उद्घाटन किया सभी वक्ताओं ने संगठन के विविध पक्षों पर गहन व प्रेरणास्पद मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय संयोजक प्रियांशु त्रिपाठी जी ने परिषद की वैचारिक आधारभूमि पर गहन प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केवल एक छात्र संगठन नहीं, अपितु यह राष्ट्र के नव निर्माण की प्रयोगशाला है जहाँ छात्र जीवन के माध्यम से चरित्र, नेतृत्व और कर्तव्यबोध का निर्माण होता है। उन्होंने संगठन की दीर्घकालीन परंपरा, 75 वर्षों के प्रेरणादायी इतिहास और संघर्षशील कार्यप्रणाली को कार्यकर्ताओं के सम्मुख रखा।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि परिषद में कार्यकर्ता केवल दायित्व नहीं निभाता, वह जीवनशैली को अपनाता है। उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि संगठन कार्यकर्ता को आत्मानुशासन, सामाजिक सरोकार और राष्ट्र के प्रति निष्ठा के साथ कार्य करने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने कहाः
"संगठन केवल बैठकों और कार्यक्रमों तक सीमित नहीं, यह तो एक ऐसी साधना है जिसमें हर कार्यकर्ता राष्ट्र की समिधा बनकर अपने जीवन को आहुति देता है। परिषद का कार्यकर्ता जहाँ जाता है, वहाँ विचार और संस्कार का दीप प्रज्वलित होता है।"
विभाग संगठन मंत्री आकाश जी ने अपने सत्र में कार्यकर्ताओं को परिषद की कार्यपद्धति तथा सदस्यता प्रक्रिया की स्पष्ट एवं व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि परिषद का कार्य केवल जोश आधारित नहीं, बल्कि व्यवस्था आधारित है। परिषद की विशेषता ही उसकी सुनियोजित कार्यपद्धति है, जो वर्षों की तपस्या और अनुभव से विकसित हुई है।
उन्होंने कहा कि कोई भी संगठन तभी सुदृढ़ होता है जब उसकी कार्यशैली में नियमितता, पारदर्शिता और आत्मचिंतन हो। परिषद में बैठकें, निर्णय प्रक्रिया, समय की पाबंदी, तथा जिम्मेदारी की जवाबदेही - ये सभी कार्यपद्धति का अनिवार्य हिस्सा हैं।
सदस्यता विषय पर बोलते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि सदस्यता केवल संख्यात्मक विस्तार नहीं है, बल्कि यह वैचारिक विस्तार है। उन्होंने कहा कि जब कोई छात्र परिषद की सदस्यता लेता है, तो वह राष्ट्र निर्माण की एक दीर्घकालीन यात्रा का सहयात्री बनता है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि सदस्यता के समय ही छात्र को परिषद के दृष्टिकोण, कार्यसंस्कृति और जीवन मूल्यों की झलक देनी चाहिए ताकि वह केवल नामांकित सदस्य नहीं, बल्कि जागरूक सहभागी बने।
उन्होंने कहा:
"परिषद की कार्यपद्धति वह रीढ़ है, जिस पर एक विशाल विचार-परिवार खड़ा है। और सदस्यता वह द्वार है, जिससे राष्ट्रभक्त, समाजनायक और संस्कारवान कार्यकर्ता भीतर आते हैं। हमें इन दोनों को निष्ठा और कौशल से निभाना है।"
जिला संगठन मंत्री अंकित जी ने परिषद के विविध आयामों एवं कार्यगतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परिषद में केवल वैचारिक कार्य नहीं होते, बल्कि विविध क्षेत्रों में युवा नेतृत्व का विकास होता है – जैसे ग्रामीण आयाम, छात्रा आयाम, सामाजिक समरसता, पर्यावरण जागरूकता, खेलकूद, तकनीकी सशक्तिकरण आदि।
उन्होंने कहा कि परिषद कार्यकर्ता को एक सीमित भूमिका नहीं, बल्कि बहुआयामी सामाजिक भूमिका के लिए तैयार करती है। उन्होंने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि हर कार्यकर्ता को अपनी क्षमता के अनुसार संगठन के किसी-न-किसी आयाम से जुड़ना चाहिए।
कार्यक्रम का समापन भी अंकित जी द्वारा ही किया गया, जिसमें उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को आगामी सत्रों के लिए संगठनात्मक लक्ष्य और व्यक्तिगत दायित्व सौंपे।
उन्होंने कहा:
"परिषद के आयाम केवल कार्यक्रम नहीं, यह समाज परिवर्तन की प्रयोगशालाएँ हैं। जो कार्यकर्ता किसी आयाम से जुड़ता है, वह केवल संगठन का हिस्सा नहीं बनता, वह समाज के भविष्य का निर्माता बनता है।"
यह तहसील अभ्यास वर्ग न केवल परिषद के वैचारिक प्रशिक्षण का माध्यम बना, बल्कि कार्यकर्ताओं के भीतर नई ऊर्जा, दृढ़ संकल्प और संगठनात्मक प्रतिबद्धता का संचार भी करता हुआ दिखाई दिया। दिनभर चले विविध सत्रों के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने परिषद की कार्यपद्धति, दैनंदिन कार्य, छात्रहित के संघर्षों और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की भूमिका को गहराई से आत्मसात किया।
अंत में समापन सत्र में जिला संगठन मंत्री अंकित जी द्वारा आगामी 15 जुलाई से प्रारंभ होने वाले सदस्यता अभियान की औपचारिक घोषणा की गई, जिसमें बस्ती जिले हेतु 46000 नई सदस्यता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही परिषद के आगामी प्रमुख कार्यक्रमों — प्रतिभा सम्मान समारोह, विद्यार्थी दिवस, तथा कॉलेज-परिसरों में अधिकतम पहुंच बनाने की योजनाओं की विस्तृत जानकारी भी दी गई। यह संकल्प लिया गया कि परिषद का प्रत्येक कार्यकर्ता, छात्रहित में कार्य करने हेतु और अधिक समर्पण व निष्ठा के साथ जुटेगा।
इस अभ्यास वर्ग ने यह स्पष्ट कर दिया कि परिषद के कार्यकर्ता वैचारिक स्पष्टता, संगठनात्मक दक्षता और राष्ट्रनिष्ठ भावना से परिपूर्ण हैं। बस्ती नगर में हुआ यह कार्यक्रम आगामी कार्यों की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगा तथा परिषद को नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करेगा।
इस दौरान प्रांत फार्माविजन संयोजक अखिलेश , विभाग संयोजक बृजभूषण, प्रातःकार्यकारिणी सदस्य स्निग्धा व शिखर , आशुतोष, मारुत , शुभेंदु , अमरेंद्र , अंकित , गणेश, सत्यम सहित इस तहसील वर्ग में 120 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।