सार्वजनिक दुर्गा मंदिर, कप्तानगंज
यूपी, बस्ती। कप्तानगंज के मुख्य चौराहे पर स्थित मां दुर्गा मंदिर का इतिहास बड़ा ही अनोखा है। स्थानीय लोगों के सहयोग से सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया।
दुर्गा मंदिर कप्तानगंज का इतिहास
मंदिर का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। 1982 में चौराहे पर रहने वाले चंद्रिका प्रसाद पाठक और संत कबीर नगर के निवासी भवानी शंकर उपाध्याय ने स्थानीय लोगों के सहयोग से सार्वजनिक दुर्गा मंदिर का निर्माण कराया। उसके बाद लोगों की मंदिर के प्रति आस्था बढ़ने लगी। 1995 तक मंदिर की ख्याति आसपास के जनपदों तक हो गई। श्रद्धालु मां के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचने लगे। नवरात्र में यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
विशेषता
मंदिर में कोई खास शिल्पकारी नहीं है। गर्भगृह में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर का शीर्ष लगभग 30 फीट ऊंची बनी है। परिसर में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए बैंच की व्यवस्था है। यहां सच्चे मन से की गई कामना पूरी होती है। रात में मंदिर की रंगीन लाइटें मंदिर परिसर को और भी आकर्षित बनाती है।
माता की सेवा करते हुए 15 वर्षों से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। मां की सेवा करके शांति मिलती है। सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना पूरी होती है। - आद्या प्रसाद तिवारी, पुजारी
मां की पूजा-अर्चना करने वह नियमित आते रहते है। नवरात्र में प्रतिदिन दर्शन कर ही गंतव्य की जाते है। उनकी कृपा से परिवार सुखमय जीवन व्यतीत कर रहा है। - चंद्रिका प्रसाद पाठक, श्रद्धालु