ओवरब्रिज को ठिकाना बनाने वाली मैना को संरक्षण की दरकार
- फोरलेन पर ओवरब्रिज के रिटेनिंग वाल में बने वीप होल में दिखी मैना की मौजूदगी।
- सर्विस रोड पर गूंजती हैं मैना की चहचहाहट, संरक्षण के लिए वन विभाग ने की थी पहल।
बस्ती: फोरलेन पर स्थित ओवरब्रिज मैना का ठिकाना तो बन गया, मगर वन विभाग की ओर से इनके संरक्ष्रण के लिए बनाई गई योजना अमल में अब तक नहीं आ सकी। ऐसे में अभी भी मैना को अभी भी संरक्षण की दरकार है।
फोरलेन के
फोरलेन पर मूड़घाट चौराहे का ओवरब्रिज हो या गोटवा का, दोनों स्थानों पर बड़ी संख्या में मैना की मौजूदगी देखी गई है। कुछ अन्य ओवरब्रिज के नीचे भी प्रमुख पक्षी मैना देखी गई है। ओवरब्रिज के रिटेनिंग वाल में बनाए गए लगभग छह इंच के व्यास वाले वीप होल (पानी निकालने का छोटा छिद्र) में किलहटी (मैना) चिड़ियों का आशियाना राहगीरों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। बड़ी संख्या में मैना पक्षी इस होल में रहती है।
वाहनों की रफ्तार और शोर
वाहनों की रफ्तार और शोर से बेफिक्र इन पक्षियों के लिए यह स्थल काफी सुरक्षित है। बारिश, तेज धूप और आंधी से सुरक्षित इन पक्षियों के बच्चे व अंडे भी बड़ी संख्या में इसी होल में सुरक्षित हैं। ओवरब्रिज की रेलिंग पर अक्सर कतारबद्ध मैना बैठी मिलती है। जैसे ही कोई वाहन वहां से गुजरता है यह उड़ जाती है। इनका झुंड सर्विस रोड पर उतर कर हमेशा चहचहाता है।
रिटेनिंग वाल के वीप होल
रिटेनिंग वाल के वीप होल को अपना ठिकाना बना चुकी मैना पक्षी के संरक्षण और उन्हें प्राकृतिक वास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2022 में तत्कालीन डीएफओ नवीन प्रकाश शाक्य ने एक कार्ययोजना तैयार की थी। उन्होंने सर्विस रोड के किनारे पौधारोपण की योजना बनाई थी, पौधों को जीवित रखने के लिए लोहे के ट्री गार्ड भी लगवाया जाना था, मगर योजना अमल में आती, उससे पहले ही उनका स्थानांतरण हो गया।
वीप होल में रहती है देशी मैना
मैना की पांच प्रजाति होती हैं। मगर जो ओवरब्रिज के वीप होल में रह रही हैं वह देशी मैना हैं। यह खैर के रंग वाली है जो सर्वभक्षी है, यानी सब कुछ खाती है। यह दाना चुगती है, कीड़े खाती है। जून-जुलाई के महीने में यह अंडे देती है।
तत्कालीन डीएफओ की योजना के बारे में जानकारी नहीं है। इसके बारे में पता कर नए सिरे से मैना को संरक्षण देने की पहल की जाएगी। इसके लिए पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से बात करनी पड़ेगी। उनकी सहमति मिली तो सर्विस लेन के किनारे पौधारोपण कर मैना को प्राकृतिक वास की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- जेपी सिंह, डीएफओ